धर्मांतरण आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने वाली कल्पना सिंह की कहानी आपके लिए प्रेरणा साबित होगी।

धर्मांतरण आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने वाली कल्पना सिंह को सौ-सौ सैल्यूट

- भारत के कई राज्यों में सरकारें बदल चुकी हैं... लेकिन इको सिस्टम आज भी नहीं बदला है... इको सिस्टम पर आज भी जिहादियों... कम्युनिस्टों और कांग्रेसियों को कब्जा है... लेकिन इसी इको सिस्टम को जब कुछ बहादुर लोग चुनौती देते हैं तो समाज में बदलाव आता है... हिंदुत्व की शक्ति बढ़ती है 

- कल्पना सिंह फतेहपुर के नुरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाती थीं । उस स्कूल का प्रबंधक एक मुसलमान था और प्रिंसिपल भी एक मुसलमान महिला अना थी । उस स्कूल में मुस्लिम बच्चों के साथ ही हिंदू बच्चे भी पढ़ रहे थे 

- लगातार उस स्कूल में हिंदू बच्चों पर उर्दू और अरबी पढ़ने का दबाव डाला जा रहा था । कल्पना सिंह उसी स्कूल में टीचर थीं और उन्होंने प्रिंसिपल और प्रबंधक का जमकर विरोध किया । इसके बाद प्रिंसिपल अना ने कल्पना सिंह को प्रताड़ित करने का प्रयास किया ।

-लेकिन कल्पना सिंह झुकी नहीं । कल्पना सिंह ने शेरनी की तरह दहाड़ते हुए.... स्कूल के मुस्लिम प्रशासन की तमाम नीतियों का और जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया । दरअसल उस स्कूल ने बहुत चालाकी से हिंदू और मुसलमान बच्चों को एक साथ बैठाया और एक साथ ही नमाज पढ़वाना शुरू कर दिया । आप सोचिए... हिंदू बच्चों से नमाज पढवाना शुरू हो गया । मतलब हिंदुओं से फीस लेकर हिंदुओं का ही धर्मांतरण करना शुरू कर दिया ।

- कल्पना सिंह ने एक बार फिर स्कूल प्रशासन का डटकर विरोध किया और ये साफ कहा कि आप हिंदू बच्चों से नमाज नहीं पढवा सकते हैं अगर ऐसा करना है तो आप हिंदू बच्चों को मुस्लिम बच्चों से अलग कीजिए... फिर मुस्लिम बच्चों को नमाज पढ़वाइए । इस पर स्कूल के प्रबंधक ने ये कहा कि तुम मेरे स्कूल में हिंदू मुसलमान कर रही हो और तुम्हारे कहने पर मैं स्कूल की नई बिल्डिंग नहीं बनवाऊंगा । 

- इसके बाद कल्पना सिंह पर उस मुस्लिम प्रबंधक ने अपना आखिरी दांव चल दिया । मुंबई से दो दर्जन मौलानाओं की एक टीम फतेहपुर के उस स्कूल में आई । फोन करके बाकायदा कल्पना सिंह को बुलाया गया कि मौलाना साहब अपनी बात कहना चाहते हैं आपको भी सुनना है । इन मौलानाओं की टीम में यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार हुआ उमर गौतम भी मौजूद था ।

- कल्पना सिंह... उस बैठक में गईं और वहां उन पर धर्म बदलने के लिए दबाव डाला गया । गरीबी दूर करने का लालच दिया गया और पैसे से जिंदगी बदल देने की बातें कही गईं । हिंदू धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार भी किया गया । लेकिन कल्पना सिंह वहां भी बैठक को छोड़कर चली गईं  ।



- इससे स्कूल के प्रबंधक को ये समझ में आ गया कि कल्पना सिंह मेरे झांसे में नहीं आने वाली है । आखिरकार स्कूल प्रबंधक ने कल्पना सिंह को बर्खास्त कर दिया... निकाल दिया । 

- और कोई होता तो शायद इस प्रताड़ना को झेलकर चुप चाप घर बैठ जाता । लेकिन कल्पना सिंह ने स्कूल के प्रबंधक और उसके बेटे के खिलाफ 20 मार्च 2021 को सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया । 

- कल्पना सिंह जैसी वीर महिलाओं की जरूरत आज हिंदू समाज को है । हम सभी लोग इस शौर्य के लिए कल्पना सिंह का अभिनंदन करते हैं । और हिंदू समाज के सभी पुरुषों से ये अपील करते हैं कि वो कल्पना सिंह से शिक्षा लें थोड़ा पौरुष दिखाएं और हिंदू महिलाएं भी कल्पना  सिंह की तरह विरोध करना सीखें... लाशें खामोश होती हैं.... जिंदा इंसान बनिए सब लोग ! 


भारत माता की जय

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