रामायण में परिवर्तन का षडयंत्र:जिससे जातिवाद का बीज पनपा, जानिए कैसे किया गया रामायण में योजनाबद्ध परिवर्तन सबूत के साथ

टीवी पर रामानंद सागर जी की रामायण आ रही है, राम के राज्याभिषेक के बाद रामायण समाप्त हो जाती है... फिर शुरू होती है "उत्तर रामायण"... इसमें ही सीता का परित्याग आदि कहानी लिखी है... "उत्तर रामायण" टीवी पर प्रसारित हो उससे पहले आपको यह जानना अति आवश्यक है कि "उत्तर रामायण" महर्षि वाल्मीकि द्वारा नहीं लिखी गई है... उत्तर रामायण को बाद में बड़ी चतुराई से षड्यंत्र के तहत वाल्मीकि रामायण में जोड़ा गया है...

"शंभूक वध और सीता का परित्याग"... ये दो कहानी वाल्मीकि रामायण में षड्यंत्र के तहत जोड़ी गई है... हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम को दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी और स्त्री विरोधी दिखाने के लिए... और यकीन मानिए षड्यंत्रकारी इसमें काफी हद तक सफल भी हुए है... 

जैसा सुन रखा था उस हिसाब से पहले मै सोचता था कि राम जी ने सीता माता को क्यों छोड़ दिया वो भी एक धोबी के कहने पर...

रामायण देखते वक्त मेरा हृदय यह मानने को तैयार ही नहीं था कि राम जी ने आगे चलकर सीतामाता का परित्याग किया है, राम जी सीता माता का परित्याग कभी कर ही नहीं सकते। जो राम स्वर्ग भी माता सीता के साथ जाने की बात कहते है, सीता माता के लिए वो रावण वध कर सकते है, समुद्र पर 100 योजन का सेतु बना कर समुद्र लांघ सकते है, समुद्र को जलाने का प्रण ले सकते है वो मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे किसी धोबी की बातों पर माता सीता का परित्याग कर सकते है... 

एक वीडियो है,जो यूट्यूब पर उपलब्ध है जिसमें कुमार विश्वास द्वारा जो तथ्य बताए गए है उसको सुनने और रामायण सीरियल को ध्यान से देखने के बाद यह पूर्णतया स्पष्ट हो गया है कि "उत्तर रामायण" में दिखाए जाने वाले कुछ कांड भगवान राम की कीर्ति को कलंकित करने के उद्देश्य से वाल्मीकि रामायण में चतुराई से बाद में जोड़े गए है... 

वो कहते है न अंतर्मन की आवाज़ सत्य होती है, और यकीन मानिए रामायण देखते वक़्त बार बार मेरे अंतर्मन की आवाज ने मुझसे यही कहा कि राम जी ने सीता माता का परित्याग नहीं किया होगा। वे ऐसा कर ही नहीं सकते।

जो राम निषादराज के मित्र है, केवट के चरण पखार सकते है, शबरी के जूठे बेर खा सकते है वो दलित या आदिवासी विरोधी कैसे हो गए ? षड्यंत्र को समझिए... और आपका अंतर्मन जिस बात को मानने को तैयार न हो उसे खारिज कीजिए...

जय श्री राम 🙏

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