हिन्दुओ के परंपरागत व्यवसाय इतने बुरे क्यों?क्यों कोई अपना परंपरागत व्यवसाय नही करना चाहता?


फुर्सत में गम्भीरता से विचार करें........

👉🏻जब सब्जी मंडी और फल मंडियों में देखा तो पता चला एक ही मुस्लिम समाज का यहाँ अधिपत्य हो चुका है तो दिमाग में आया भारतीय रोजगार का किस तरह स्थानांतरण हो चुका है ।सब्जियों का काम कचवाये जाती का था कि यदि  देश  इस  आपदा  से  निजात  पाए  भी  तो  हमारे  जीने  के  लिए  कौन  सा  साधन  शेष बचा ---कोई भी मुस्लिम आढ़ती को देखलो करोड़ों में खेल रहा है।🤚🏻😔


21 राज्यों में मुस्लिम जावेद हबीब के 300 शानदार एयरकंडीशन सैलून खुल गये।और हिंदु नाई दलित OBc बन के नौकरी खोज रहा।ये नए नाई असली नायिओं से ज्यादा पैसा कमा रहे हैं।


इतना ही नहीं महिलाओं के लिए शहनाज़ ब्यूटी पार्लर खुले जिनकी संख्या की गिनती ही नही। 29 राज्यो सहित 30 देशों में चमड़े के जूते और चप्पलों का कारोबार करने वाली 600 करोड़ की कंपनी मेट्रो शुज के मालिक फराह मलिक अरबपति बन गए। देश विदेश में चमड़ों और जूते चप्पलों का कारोबार करके मिर्जा ट्रेनर्स में मालिक मिर्जा बन्धु अरबपति हो गए ..


और साजिश के तरह कभी दलितों का एकाधिकार वाले चमड़े, जूते चप्पलें बार्बर शॉप आदि वामपंथीयो मुस्लिमो और फर्जी अम्बेडकरवादियों के साजिश से कब दलितों के हाथ से निकलकर मुस्लिमो के हाथ मेचली गयी पता भी नहीं चला.....जबकि इसी परम्परागत व्यवसाय से मुस्लिम अपना घर शानदार तरीके से चला रहे हैं।


बैंकर माफिया और उसके पैसों से पैदा किए हुए नमाजवादियों व दलितवादी नेताओं ने हिन्दू नाई से कहा ब्राह्मण जनसंख्या में इतने कम हैं पर सबसे अधिक सत्ता के मजे यही ले रहे हैं।


तुमको सदियों सदियों तक नाई बनाकर रखना चाहते हैं मत करो ये काम।


बच्चों को तो पढ़ाओ लिखाओ सरकारी नौकरी दिलवाओ और सुनो जाति प्रमाण पत्र बनवा लो

कांग्रेस तुमको OBC में जोड़ देगी आरक्षण दे देगी।

मौज करो इन ब्राह्मणों पंडितों के चक्कर में मत फंसो।


हिन्दू नाई ने आरक्षण मिलेगा, सरकारी नौकरी मिलेगी, इसलिए दुकान बंद कर दी शहर चला गया। अपना बड़ा सा घर छोड़ा किराए पर एक कमरे में गुजारा किया बच्चों को गली के अंग्रेजी स्कूल में डाला।


जब बच्चे जॉनी जॉनी यस पापा गाते थे हिन्दू नाई सोचता था बच्चे कम से कम IAS तो कर ही जाएँगे, उसने एक फैक्ट्री में 7000 में गार्ड की नौकरी कर ली। जब जब कांग्रेसियों और नमाज़वादी नेताओं ने बुलाया धरने प्रदर्शन आंदोलन में गया भी सरकारी नौकरी कितने नाईयों लुहारों बढ़इयों धोबियों को मिल सकेगी? 1000 दलित upsc की परीक्षा देते हैं उनमें से 1 को नॉकरी मिलती है बाकी 999 का क्या होता है वे घर के न घाट के रहते हैं।कायदे से वे एक दो अटेम्ट में सरकारी नॉकरी नहीं निकालते है तो तुरंत अपना परंपरागत काम कर लें नहीं तो विधर्मी उसको नहीं छोड़ेंगे।


बेटे बेरोजगार घूमने लगे तो घर में झगड़ा बढ़ने लगा।

जो भी हो 20 साल बीत गए बच्चे अब भी बेरोजगार थे।

हिन्दू नाई से रात को सेक्यूरिटी गार्ड की नौकरी होती नहीं थी नींद लग जाती थी नौकरी छूट गयी।

हिन्दू नाई वापस गाँव लौट आया उसने फिर से अपनी बाल काटने की दुकान खोलनी चाही पास के कस्बे में जाकर देखा 20 साल पहले 2 सैलून थे वो भी हिन्दू नाईयों के अब उसी कस्बे में 50 सैलून खुल चुके थे और सारे के सारे सैलून मियों के थे

हिन्दू नाई ने रोजगार छोड़ा

                मियों ने कब्ज़ा कर लिया

हिन्दू बढ़ई ने अपना काम छोड़ा

             मिएँ ने बाजार पर कब्जा कर लिया।


हिन्दू लुहार ने अपना काम छोड़ा। मियों ने वेल्डिंग की दुकानें खोल कर पूरा बाजार कब्ज़ा लिया। हिन्दू धोबी ने सरकारी नौकरी के चक्कर में कपड़े धोने छोड़े। गाँव के घर घर से परिचय टूटा नाते टूटे । मिएँ ड्राई क्लीन और जीन्स की रंगाई में छा गए।


हिन्दू SC ने जूते बनाने छोड़ दिए आज अरबों रुपए का चमड़े मांस चर्बी हड्डी और सारा का सारा जूता बाजार मियों के कब्जे में है। मिएँ OBC और SC/ST के पेट पर लात मार रहे हैं।


पंडितों का काम पूजा पाठ है पुरोहिताई है

ये काम मिएँ कभी नहीं करेंगे लिख लो।


आरक्षण और सरकारी नौकरी के लालच में कितने लोगों को रोजगार मिला करोड़ों युवा मैकाले सिस्टम में फंसकर एक डिग्री लेकर सड़क पर घूम रहे हैं।


हम हिन्दुओं के पारंपरिक रोजगार इतने बुरे थे क्यो..... ?????

पूरी प्लानिंग से दलित - Obc  - सवर्ण में फूट डलवाकर उनको बेरोज़गार बना दिया....


फिर उन गरीबों का धर्म परिवर्तन कर दिया और हिंदुओं को हिन्दुओं से लड़वाया।


तो आपको कुछ समझ आया 70 सालो में क्या हुआ।

 जरा सोचिये..!!!

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